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Dr. APJ Abdul Kalam Biography | ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवन कहानी

भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम थे। भारत के पिछले दिनों में, जब भारत बहुत ही पिछड़ा देश हुआ करता था तब वे भारत को जैसे कि अपने कंधों पर ही उठा लिया और ठान लिए भारत को एक शक्तिशाली देश बनाने का। एक बहुत ही अद्भुत नेतृत्व वाले इंसान डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जो कि मरने के बाद भी हर एक भारतीय के दिल में बसते हैं। वे इतने ही निर्मल स्वभाव के थे की, एक प्रिय नेता, वैज्ञानिक, और शिक्षक के रूप में उनका यह स्थान कोई नहीं ले सकता। उनका व्यक्तित्व आज के हर एक धर्म प्रसारक के लिए एक थप्पड़ है, जो कि भारत को धर्म, जाति और संप्रदायों में बाँटता है। अंतरिक्ष और शिक्षा विभागों में भारत को नई बुलंदियां हासिल कराने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को जाता है। वे भारत देश के 11 वें राष्ट्रपति बने। उनके जीवन का चरित्र किसी फिल्म के हीरो से कुछ कम नहीं था। सफलता का प्रसिद्ध मंत्र –
“सपने वह नहीं जो आप सोने के बाद देखते हो।
 सपने तो वह होते हैं जो आपको सोने नहीं देते।”
यह तो आपने सुना ही होगा, यह डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का कहा है।

Dr. APJ Abdul Kalam Biography ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवन कहानी

तो चलिए अभी हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जिंदगी की सफर को जानते हैं (A.P.J Abdul Kalam bio) और देखते हैं कि कैसे वे एक मध्यवर्गीय परिवार से भारत के महान वैज्ञानिक और देश के राष्ट्रपति तक का सफर तय किया। (about APJ Abdul Kalam)
“आज के उड़ते भारत को पंख लगाने वाले असाधारण व्यक्तित्व : द मिसाइल मैन ऑफ इंडिया, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की कहानी”
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पकीर जैनूलाबुद्दीन अब्दुल कलाम है। उनको हम मिसाइल मैन ऑफ इंडिया के नाम से भी जानते हैं। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ।‌ वे एक गरीब परिवार से थे। उनके पिता का नाम जैनूलाबुद्दीन था, जो कि रामेश्वरम में नाव चालक का काम करते थे। बचपन से ही एपीजे अब्दुल कलाम बहुत ही मेहनती रहे है। वह अपने परिवार का साथ देने के लिए अखबार बेचा करते थे। वह काम के साथ-साथ अपनी पढ़ाई लिखाई में भी पूरा ध्यान देते थे। अब्दुल कलाम बहुत ही मेधावी छात्र रहे हैं। वे अपने स्कूल की पढ़ाई रामेश्वरम की स्कूल से ही पूरा किए और स्कूल की पढ़ाई के बाद वे तिरुचिरापल्ली में St. Joseph कॉलेज से भौतिक विज्ञान में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। अब्दुल कलाम बहुत ही दयालु सादा सीधा व्यक्ति थे जो कि खुद, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने जीवनी का सारांश “विंग्स ऑफ़ फायर” नामक किताब में बताए है। वे यह भी बताते हैं कि उनके पिताजी सरल और हर बहुत ही अच्छे व्यक्तित्व के आदमी थे। ग्रेजुएशन के बाद जब डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते थे तो उनके पिताजी ने उनका हालत जानते हुए भी एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा साथ दिया। वह यह भी कहते हैं कि उनके पिताजी उनको बहुत अच्छे से समझते थे। वे फिर मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी मैं एयरोनॉटिक्स ब्रांच में इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेते हैं। कॉलेज की फीस बहुत अधिक होने के कारण उनकी बहन ने जेवर बेचकर उनके कॉलेज का फीस देती हैं। अब्दुल कलाम यह सब जानकर बहुत ही बेचैन होते हैं और यहा शपथ लेते हैं कि वे दुनिया का सबसे अच्छा कर दिखाएंगे और जिस-जिस ने उनके राहों में उनकी मदद किए उनको बदले में बहुत ही अच्छा तोहफ़ा देंगे खुद कुछ बनकर। आखिरकार वे एयरोनॉटिकल इंजीनियर बन जाते हैं। 

अब्दुल कलाम के कर्म जीवन

इंजीनियरिंग के बाद जब एयर फोर्स में जाना चाहते थे तब वहां उनका चुनाव नहीं होता जिससे कि वह बहुत ही दुखी होते हैं। फिर बाद में उन्हें Indian ministry में सीनियर साइंटिफिक असिस्टेंट के रूप में काम मिल जाती है। यह बात तब का है जब पूरा विश्व में युद्ध चल रहा था। भारत का कई देशों के साथ युद्ध हुआ था और भारत रक्षा व्यवस्था में बहुत ही दयनीय स्तर पर था। विश्व के सारे देशों से भारत को अलग-अलग प्रकार से दबाव डाल जा रहा था। एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने तकनीकी शिक्षा से भारत की सुरक्षा व्यवस्था को बहुत ही जल्द बहुत आगे ले कर गए। वह नई-नई तकनीकों से आधुनिक सुरक्षा यंत्र बनाएं। भारत का सुरक्षा व्यवस्था को ठीक करने के बाद समय था कि भारत की अंतरिक्ष व्यवस्था में सुधार किया जाए। तब तक भारत के पास कोई भी सेटेलाइट नहीं थी। अब्दुल कलाम को ISRO ( Indian Space Research Organisation) मैं Space scientist के रूप में काम करने के लिए बुलाया गया। बाद में वे ISRO संगठन के प्रधान बने। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में ही पहला सैटेलाइट बहुत ही कठोर परिश्रम और अनेक असफलता के बाद सफल हुई। उसके बाद से उनका नाम पूरे विश्व में छा गया। दूसरे देशवासी जो भारत को एक पिछड़ा देश मानते थे, वह कुछ ही सालों में भारत का विकास दर देखकर कुछ चौक सा गए। उनके तकनीकी ज्ञान और अच्छे नेतृत्व के कारण वे भारत का राष्ट्रपति चुना गया। 
उन्हें 1981 में पद्मा भूषण, 1990 में पद्मा विभूषण, 1997 में भारत रत्न इत्यादि द्वारा सम्मानित किया गया।
और आखिरकार वे अपना सपना और वचन पूरा करते हैं कि वे एक बहुत ही अच्छे व्यक्तित्व में सबसे अच्छा बनके दिखाएंगे और इससे वे अपने परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश को उपहार भेंट कर गए और आखिरकार 27 जुलाई 2015 को शिलांग में उनका देहांत होता है। 

APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi | ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अनमोल विचार

अब्दुल कलाम के मधुर और प्रेरणादायक श्लोक (APJ Abdul Kalam quotes)
“तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो पहले सूरज की तरह जलना सीखो।”
“शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।”
“कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।”
“महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।”
“अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक  मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं। पिता, माता और गुरु।”
“आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।”
“इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं।”
“अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।”
“इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।”
“तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पे ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय तुम हो। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो।”
APJ Abdul Kalam Quotes Hindi me

निष्कर्ष 

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जो नाम हर भारतीय के दिल पर है और जिन्हें हर भारतीय मिसाइल मैन आफ इंडिया के नाम से जानते है। एक अखबार बेचने वाला बच्चा देश की सुरक्षा और अंतरिक्ष विभाग को बदल के रख देता है। साधारण परिवार से देश के महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति तक का सफर तय किया डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने और दुनिया के लिए एक मिसाइल बन कर रह गए। 
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक बहुत ही गरीब परिवार से जन्म लेने के बावजूद भी उनके परिवार का उन पर भरोसा और साथ रहने के कारण वे आज उस मुकाम तक पहुंच सके थे। एपीजे अब्दुल कलाम का विज्ञान में पहले से ही बहुत रुचि रहा था। एपीजे अब्दुल कलाम के व्यक्तित्व से यह साफ प्रकाशित होता है कि वे कितने कठोर परिश्रमी और साफ दिल के थे। वे ज्यादा से ज्यादा समय अपने काम में लगाते। एक बार जब उनके जीवन मैं कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था, यह बात तब की है जब दो बार भारत की सेटेलाइट व्यवस्था फेल हुई और उसी समय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के माता और पिता का देहांत कुछ ही दिनों के अंतर में होता है। साथ ही दो बार सैटेलाइट लॉन्चिंग फेल होने के कारण भारत की जनता भी उनको आरोप ठहरा रही थी और उन्हें इस्तीफा देने तब की बात जनता द्वारा रखी जा रही थी। डॉक्टर अब्दुल कलाम ने उन दिनों का सामना किया और आखिरकार पूरी दुनिया को दिखा दिया कि वे क्या है। 
आशा करता हूं कि एपीजे अब्दुल कलाम कि यह जीवनी आपको अच्छा लगा होगा। हमारे साथ अंतत बने रहने के लिए और आपका बहुमूल्य समय हमारे साथ बिताने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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